Essay on pollution in hindi : प्रदूषण देश भर में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बहुत ही बड़ी समस्या बन चुकी है प्रदूषण की समस्या का अभी तक कुछ खास समाधान नहीं निकल पाया है Essay on pollution से सभी छात्रों को जागरूक करना होगा और उन्हें बताना होगा कि प्रदूषण से कैसे कम से कम दूर रहा जा सकता है और किस तरह से प्रदूषण की समस्या का हल किया जा सकता है ।
प्रदूषण कई तरह के होते हैं । जैसे वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण ,जलवायु प्रदूषण आदि हम आपके बड़े ही बिस्तर सिंह के बारे में जानकारी देंगे और आपको Essay on pollution in hindi लिखने में काफी सहायता भी मिलेगी इसके अलावा प्रदूषण के विशेष में काफी जानकारी भी देखेंगे।

Essay on pollution in Hindi – प्रदूषण पर हिन्दी निबंध
प्रस्तावना:
विज्ञान के युग में मानव को बहुत वरदान दिया है लेकिन कहीं ना कहीं अभिशाप भी है।
प्रदूषण का अर्थ होता है प्रकृति में दोष पैदा करना। प्रदूषण पर्यावरण के जीव जंतु को बहुत ही नुकसान पहुंचाते हैं प्रदूषण के कारण हमें ना ही शुद्ध वायु मिल पाती है और ना ही शुद्ध जल साथ ही शुद्ध वातावरण भी नहीं मिल पाता है।
प्रदूषण के प्रकार :
प्रदूषण के कई प्रकार है जो कि मानव के जीवन में ना ही केवल सभी जीव जंतुओं के जीवन में खतरा बनता जा रहा है प्रदूषण के एक प्रकार देखे गए हैं जैसे जल , वायु ,मृदा ,ध्वनि आदि।
वायु प्रदूषण :
महासागरों में सबसे ज्यादा प्रदूषण पहनने वाला प्रदूषण वायु प्रदूषण है। यह वायु प्रदूषण होने का मुख्य कारण है वाहनों और उद्योगों से निकला हुआ धुआँ। प्लास्टिक और पत्तियों को जलाने से भी जहरीले पदार्थ उत्पन्न होते हैं जो वायु प्रदूषण का कारण बन जाते हैं। इन्हीं प्रदूषण को जब भी मनुष्य सांस लेता है तो वह फेफड़ों में चले जाते हैं जिससे बहुत ही रोग हो जाते हैं।
वाहनों की संख्या तीन-तीन दिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे हानिकारक गैस वायु में फैलते जा रहे हैं वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा भी कम होती जा रही है वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियां जैसे स्वास्थ्य रोग कैंसर आदि जैसी बीमारी बहुत ही तेजी से फैलती जा रही है।
जल प्रदूषण:
जल प्रदूषण आज के समय में मनुष्य और जीव जंतुओं के सामने बहुत ही बड़ी समस्या बनती जा रही है कारखाने से दूषित जल नदी बना लो में जाकर जल को दूषित कर देता है। लोग नदी और गंगा जी में भी कूदे वह कचरा फैला देते हैं जिसकी वजह से वह पवित्र पानी भी दूषित हो जाता है। दूषित पानी में कीड़े मकोड़ों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है जिससे कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
जल प्रदूषण से होने वाले रोग जैसे हजार डायरिया आदि जैसे होने वाले रोग बहुत ही खतरा बनते जा रहे हैं साथ ही जीव जंतुओं के लिए पानी की कमी महसूस हो रही है। जल की कमी की वजह से नदी व समुद्री में रहने वाले जानवरों की मृत्यु हुई हो जाती है।
ध्वनि प्रदूषण:
ध्वनि प्रदूषण कारखाने में जैसे यह मशीनों द्वारा किए जाने वाले काम की वजह से उत्पन्न होती है साथ ही सड़क पर चल रही वहां पटाखे फोड़ने के कारण लाउडस्पीकर बजाने के कारण ध्वनि प्रदूषण फैलता है ध्वनि प्रदूषण से मनुष्य को ही नहीं केवल जीव जंतुओं को भी बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचता है धनी प्रदूषण होने से मनुष्य के मानसिक तनाव पर प्रभाव पड़ता है जिससे हो सकता है कि उनके सुनने की शक्ति कम हो जाए।
भूमि प्रदूषण:
कारखाने और घरों घरों से निकले हुए कचरे लोग जमीन पर ही फेंक देते हैं इससे बहुत ही ज्यादा मच्छर मक्खियों और अन्य कीड़े बनाते हैं जो कि हमारे खाने के आसपास चले जाते हैं और उनसे हमें कई सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
प्रदूषण के और भी कई प्रकार है जिनका वर्णन हम अपने दैनिक दिनचर्या में भी देख सकते हैं।
प्रदूषणों के कारण दुष्परिणाम:
प्रदूषण के कारण मनुष्य के स्वास्थ्य जीवन में बहुत ही ज्यादा खतरा पैदा हो गया है खुले हवा में सांस लेना बहुत मुश्किल हो गया है साथ ही गंदे पानी की वजह से कई बीमारियां फैलती जा रही है जो कि मनुष्य के शरीर को बहुत ही ज्यादा प्रभाव डाल रही है जैसा कि हम जानते हैं भोपाल गैस कारखाने की वजह से अब तक भोपाल के हजारों लाखों लोगों को उससे लड़ना पड़ रहा है।
जानवरों और पक्षियों को भी प्रदूषण से बहुत ही ज्यादा नुकसान होता जा रहा है वह धीरे-धीरे करके लुप्त हो जा रहे हैं साथ ही बहुत सी आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है जैसे बाढ़ भूकंप आदि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ग्लेशियर पिघलने से बाढ़ का सामना करना पड़ जाता है।
प्रदूषण के कारण किसी खराब होने से खाने पीने की वस्तु में भी खराब हो जा रहे हैं जिसे खाकर हम सब बीमार पड़ जा रहे हैं पीने के पानी का जल भी कम होता जा रहा है आने वाले समय में हमें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है धोनी की वजह से उत्पन्न होने वाली आवाजों से मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है जिसकी वजह से जानवर और मनुष्य दोनों की मानसिक संतुलन पर असर पड़ रहा है।
अपने हमें अपने जीवन को सरल वर्ष की बनाने के लिए प्रदूषण को जल्द से जल्द हटाना होगा और उसके प्रति कदम उठाना होगा जिससे कि प्रदूषण कम पहले और हमारे आने वाले समय में मुख्य चिंता कम हो जाए।
प्रदूषण के कारण:
प्रदूषण को बढ़ाने में सबसे ज्यादा कारखाने वैज्ञानिक रसायन और वैज्ञानिक साधन जैसे फ्रिज कूलर एसी आदि जैसे यंत्रों की वजह से पृथ्वी की सतह पर ओजोन लेयर का बिगड़ना जिसकी वजह से प्रदूषण और भी ज्यादा फैलता जा रहा है प्राकृतिक संतुलन बिगड़ना सबसे महत्वपूर्ण कारण है वृक्षों की कटाई की वजह से प्रदूषण और भी ज्यादा फैलता है जिसे मौसम का चक्र भी बिगड़ा है।
घरों के बेकार पदार्थ जमा हुआ पानी कलर में गंदा पानी रह जाना पौधों में जमे हुए पानी की वजह से प्रदूषण फैलता है।
कार्बन मोनोऑक्साइड सल्फर डाइऑक्साइड अमोनिया आदि जैसे गैसों की वजह से प्रदूषण फैलता है।
प्लास्टिक का अधिक उपयोग करना
डिटर्जेंट साबुन औद्योगिक एवं खनन के बेकार पदार्थ हाइड्रोजन आदि जैसे रासायनिक पदार्थ की वजह से प्रदूषण फैलता है।
प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय:
- बायोडिग्रेडेबल उत्पादन का उपयोग करें इससे प्रदूषण कम होगा क्योंकि बायोडिग्रेडेबल कचरे का आसानी से निपटारा किया जा सकता है।
- कपड़ों से बने थैलों का उपयोग करें।
- पटाखों का कम से कम इस्तेमाल करें
- वाहनों का प्रयोग सीमित ही रखें आने जाने के लिए आप ज्यादातर सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें।
- अपने आसपास सफाई रखें सुख और गीले कचरे को एक साथ ना फेंकने की जगह अलग-अलग रखें
- ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए ताकि वायु में ऑक्सीजन की कमी ना हो।
- कम से कम ध्वनि में लाउडस्पीकर सुनने चाहिए।
- नदी वह गंगा जी में कचरा ना फेकें।
- घरों का गजब बाहर खुले में ना फेकें
- खनिज पदार्थ का काम से कम इस्तेमाल करें
यदि आप बेहतर जीवन जीना चाहते हैं तो अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध रखना होगा जिससे कि आप और जीव जंतु दोनों ही सुरक्षित रहें।
वायु गुणवत्ता सूचकांक का क्या है?
इसका उपयोग सरकारी एजेंसियों द्वारा वायु प्रदूषण प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। ऐसे हैं पता चलता है कि स्थानीय वायु गुणवत्ता उनके स्वास्थ्य के लिए कैसे प्रभावित करती हैं।
Read More About : Credit Card क्यों लेना चाहिए ?
निष्कर्ष :
प्रदूषण हिमालय एक तरह से जहर है जो की हवा पानी धूल के माध्यम से मनुष्य और जीव जंतु पेड़ पौधों साथी पशु पक्षियों को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं प्रदूषण के कारण बहुत ही ज्यादा कथा बढ़ता जा रहा है इसका समाधान भी हमें ही निकलना होगा इसलिए प्रदूषण को कम से कम फैलने दे जिससे आपको बीमारियों का सामना न करना पड़े अपने आप को ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम बढ़ाए साथ ही जीवन को आरामदायक बनाने की अपेक्षा करें।
FAQ ( Essay on pollution in Hindi )
वायु गुणवत्ता सूचकांक क्या है?
वायु गुणवत्ता का इस्तेमाल वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट करने के लिए एक सूचकांक के रूप में किया जाता है।
प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं?
वैसे तो प्रदूषण की कई प्रकार है लेकिन वायु प्रदूषण जल प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण मृदा प्रसिद्ध प्रदूषण ज्यादा माने गए हैं।
प्रदूषण को कैसे कम किया जा सकता है?
प्रदूषण को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए ,कम से कम वहां का उपयोग करें और पटाखों का इस्तेमाल कम करें।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गठन कब किया गया था?
1974 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन किया गया था।
प्रदूषण से आप क्या समझते हैं?
पर्यावरण में किसी ठोस तरल जैसे पदार्थ का संग्रहण होना ही प्रदूषण कहलाता है प्रदूषण बहुत ही तेजी से फैलता जा रहा है जिसके कारण पृथ्वी और जीव जंतु को बहुत ही नुकसान हो रहा है।
वायु प्रदूषण के मुख्य कारक क्या-क्या है?
वायु प्रदूषण की मुख्य कारण है ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन , धुआ आदि।
विश्व में सबसे प्रदूषण वाले शहर कौन से हैं?
विश्व में अधिक प्रदूषण वाले शहरों में से कानपुर ,दिल्ली ,वाराणसी ,पटना ,पेशावर ,कराची ,बीजिंग आदि जैसे शहर शामिल है।